Cane up.in: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए राहत की खबर आई है। इस साल 2024-25 के पेराई सत्र के लिए गन्ना विभाग ने खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि घटतौली (कम वजन करके तौल करना) जैसी समस्याओं पर सख्ती से लगाम लगाई जा सके। किसानों को सही तौल मिले, उनकी मेहनत का पूरा मुआवजा मिले, इसके लिए नए नियम-कायदों का ऐलान किया गया है।
घटतौली की समस्या पर सख्ती Cane up.in
गन्ना किसानों के साथ घटतौली की समस्या कई सालों से चली आ रही है। किसान दिन-रात मेहनत करके गन्ने की फसल उगाते हैं, लेकिन चीनी मिलों पर पहुंचने के बाद जब तौल होती है, तो कई बार वजन में गड़बड़ी कर दी जाती है। कम तौल दिखाने की वजह से किसानों को उनकी मेहनत के पैसे नहीं मिलते। ये स्थिति किसानों के लिए सिरदर्द बन चुकी थी।
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इस बार गन्ना विभाग ने ऐलान किया है कि घटतौली के मामलों में अब बिल्कुल भी रियायत नहीं बरती जाएगी। चाहे गन्ना किसान का एक किलो भी मारा गया, तो चीनी मिल और तौल मशीन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। “अब घटतौली करने वालों के लिए मीठे का सत्र खट्टा हो सकता है!”
सत्र | विवरण |
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सत्र का नाम | 2024-25 गन्ना पेराई सत्र |
प्रमुख समस्या | घटतौली और गन्ना किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी |
मुख्य उद्देश्य | घटतौली पर रोक लगाना और किसानों के हितों की रक्षा करना |
प्रमुख नियम | दोषी पाए जाने पर चीनी मिलों और मशीन निर्माताओं पर कार्रवाई |
अतिरिक्त प्रावधान | पांच वर्षों में दोषी पाए गए लोग तौल क्लर्क नहीं बन सकेंगे |
कानून की धाराओं के तहत होगी FIR
इस दिशा-निर्देश में खास प्रावधान रखा गया है कि अगर घटतौली का मामला पाया गया, तो सीधे तौर पर चीनी मिल और तौल मशीन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कानून की धाराओं के तहत FIR दर्ज की जाएगी, जिससे घटतौली करने वालों को सबक सिखाया जा सके।Cane up.in
पुराने अपराधियों के लिए लाइसेंस बैन
घटतौली रोकने के लिए गन्ना विभाग ने एक और अहम कदम उठाया है। पिछले पांच वर्षों में घटतौली के मामलों में दोषी पाए गए लोगों को तौल क्लर्क का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। यानी, अगर कोई व्यक्ति पहले घटतौली में पकड़ा गया है, तो वो अब इस सत्र में तौल का काम नहीं कर सकेगा।Cane up.in
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चीनी मिलों पर सख्त निगरानी
इस बार उत्तर प्रदेश की 121 चीनी मिलों में से 32 पहले ही चालू हो चुकी हैं, और अब तक 70 मिलों ने गन्ना खरीदना शुरू कर दिया है। हर मिल को तौल की प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि किसान को उसकी फसल का उचित मुआवजा मिले। इसके लिए चीनी मिलों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। अगर कोई मिल घटतौली करते हुए पाई गई तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।Cane up.in
किसानों के लिए लाभदायक सत्र
सरकार ने इस बार स्पष्ट कर दिया है कि किसानों का हित सर्वोपरि है। किसान को उसकी फसल का पूरा मुआवजा मिले, ये सरकार की प्राथमिकता है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश जैसे गन्ना उत्पादन वाले राज्य में, जहां लाखों किसान अपनी आजीविका के लिए गन्ने पर निर्भर हैं, उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने ये ठोस कदम उठाए हैं।Cane up.in
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गन्ना तौल प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कोशिश
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, तौल मशीनों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। मशीनों की सही स्थिति और उनकी सटीकता की जांच की जाएगी ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। इससे ये सुनिश्चित होगा कि तौल सही हो और किसान को सही वजन के हिसाब से उसका भुगतान मिले।
किसानों के लिए राहतभरी खबर
ये दिशा-निर्देश उत्तर प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आए हैं। किसानों को अब घटतौली का डर नहीं सताएगा और वे बिना चिंता किए अपनी फसल बेच सकेंगे। सरकार का ये कदम निश्चित ही किसानों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है