Cane up: उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों ने 2024-25 पेराई सत्र की शुरुआत कर दी है। इस बार यह काम सिर्फ पेराई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भुगतान की प्रक्रिया भी तुरंत शुरू करने का दावा किया जा रहा है। आइए जानते हैं, क्या है इस गन्ना-चीनी गाथा की पूरी कहानी और इसमें छिपे हास्य के कुछ मीठे कण।
गन्ना पेराई का बिगुल बजा (Cane up)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में इस साल का गन्ना पेराई सत्र समय पर शुरू हुआ है। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और राज्य मंत्री संजय गंगवार की देखरेख में, गन्ना किसानों की मेहनत को मिठास में बदलने का काम शुरू हो चुका है।
प्रदेश की 102 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है, जिसमें से 90 चीनी मिलों ने पेराई शुरू भी कर दी है। इनमें सहारनपुर परिक्षेत्र की 19 में से 18, मेरठ की सभी 16, बरेली की 11, मुरादाबाद की 22, लखनऊ की 13, अयोध्या की 4 और देवीपाटन व देवरिया की कुछ मिलें शामिल हैं।लखनऊ परिक्षेत्र की मिलें भी गन्ना पेराई में जुट गई हैं, लेकिन बाकी क्षेत्र अभी वार्मअप कर रहे हैं। शायद उनकी पेराई मशीनें भी ठंड में चाय के साथ आलू के पराठे खा रही हैं
किसानों को जल्द मिलेगा भुगतान (Cane up)
आयुक्त गन्ना एवं चीनी, प्रभु एन. सिंह ने बताया कि किसानों को उनकी गन्ने की कीमत जल्द से जल्द देने की व्यवस्था की गई है। यह सुनकर गन्ना किसान अपनी गाड़ी में बैठे हुए कह सकते हैं, “वाह भई! इस बार चीनी मिलें भी समय पर काम कर रही हैं, कहीं गन्ने के रस में कड़वाहट न घुल जाए. गन्ना खरीद और भुगतान की प्रक्रिया को लेकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसान “सोने से पहले गन्ना काटे और सुबह उठकर उसकी कीमत बैंक में देखे।”
निजी और सहकारी मिलों की भूमिका (Cane up)
इस बार के सत्र में 79 निजी मिलें और 10 सहकारी मिलें भी शामिल हैं। इन मिलों ने साबित कर दिया है कि जब बात किसानों के भले की हो, तो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की टीम एक साथ काम कर सकती है। वैसे, किसान यह सोच रहे होंगे कि ये निजी और सहकारी मिलें मिलकर मिठास तो बढ़ा रही हैं, लेकिन कहीं यह ‘मिठास का सीक्रेट फॉर्मूला’ चीन तक न पहुंच जाए!”
अगले कुछ दिनों में सभी मिलें होंगी चालू (Cane up)
प्रदेश की 12 और मिलें अगले 2-3 दिनों में अपना संचालन शुरू कर देंगी। अब यह तो समय ही बताएगा कि ये 12 मिलें देरी से जागी हैं या फिर ‘सुपरवुमन’ की तरह आखिरी में ज्यादा काम करेंगी। बाकी 19 मिलें भी जल्दी ही शुरू होने की राह पर हैं सरकार ने यह भी कहा कि इस बार गन्ना किसानों को पेराई सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। किसान सोच रहे होंगे, “अब अगर कोई परेशानी आई, तो गन्ने की बेल्ट को ही बांधकर ऑफिस पहुंच जाएंगे!”
क्या कहते हैं आंकड़े? (Cane up)
गन्ना पेराई सत्र 2024-25 में प्रदेश भर में गन्ने की बंपर उपज हुई है। यह किसानों और चीनी मिलों के लिए एक बड़ी राहत की बात है। गन्ना खेती करने वाले लगभग 45 लाख किसानों को सीधा फायदा होगा।
कुछ दिलचस्प आंकड़े:
- 19 में से 18 मिलें सहारनपुर परिक्षेत्र में चालू हो चुकी हैं।
- मेरठ परिक्षेत्र की सभी 16 मिलें पूरी रफ्तार में हैं।
- बरेली और मुरादाबाद की भी अधिकांश मिलों ने काम शुरू कर दिया है।
किसानों के चेहरे पर मुस्कान क्यों? (Cane up)
इस बार किसानों को भुगतान के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सीधे शब्दों में कहें तो, “गन्ना कटेगा, चीनी बनेगी और पैसे अकाउंट में झटपट आएंगे।” यह सुनकर किसान भले ही हाथ जोड़कर धन्यवाद न दें, लेकिन उनकी मुस्कान सब कुछ बयां कर देती है।
चीनी मिलें और गांव का मीठा रिश्ता (Cane up)
गन्ना पेराई सत्र सिर्फ एक आर्थिक गतिविधि नहीं है। यह गांवों के उत्सव जैसा होता है।
“जब मिल से चीनी बनने की खुशबू गांवों में फैलती है, तो लगता है जैसे हर घर में मिठाई पक रही हो।”
सरकार के कदम से किसानों को राहत (Cane up)
प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि गन्ना किसानों को उनके हक की कीमत मिले। इससे पहले, किसानों को भुगतान में देरी की शिकायतें आती थीं। लेकिन इस बार सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि देर आए, दुरुस्त आए, लेकिन इस बार देर बिल्कुल नहीं होगी।
गन्ना से चीनी तक: सफर में क्या खास?
गन्ना सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत और उम्मीदों का प्रतीक है। गन्ने का रस, गुड़, चीनी और बायो-इथेनॉल जैसे उत्पाद इसे और भी खास बनाते हैं।
निष्कर्ष: उम्मीदों की मिठास
गन्ना पेराई सत्र 2024-25 की शुरुआत ने किसानों को राहत की एक मीठी डोज दी है। चीनी मिलें जब समय पर चालू होती हैं और भुगतान भी जल्दी होता है, तो गन्ना किसानों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
इस सत्र का उद्देश्य सिर्फ चीनी बनाना नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत की कद्र करना है। किसानों की मेहनत और मिलों के वक्त पर संचालन से इस बार का गन्ना सत्र वाकई मीठा साबित होगा।