Shamli News: कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश पर पुलिस ने रोका, किसानों ने धरने पर बैठकर किया जोरदार विरोध

Shamli News: शामली जिले के किसानों और प्रशासन के बीच गन्ना भुगतान को लेकर चल रहे विवाद ने मंगलवार को बड़ा रूप ले लिया। सरशादी लाल शुगर मिल के बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर के सामने पानीपत-खटीमा हाईवे को जाम कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इस मामले में किसानों और प्रशासन के बीच तनाव गहराता जा रहा है, और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

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बकाया गन्ना भुगतान का मुद्दा

Shamli News की सरशादी लाल शुगर मिल पर वर्ष 2022-2023 के गन्ना सत्र का लगभग 190 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। गन्ना किसान इस बकाया राशि को मय ब्याज के साथ मांग रहे हैं। किसानों का कहना है कि पिछले सत्र का भुगतान अभी तक नहीं हुआ, जबकि 2023-2024 के गन्ना सत्र का भुगतान करने वाली निजी कंपनी ने इसे समय पर निपटा दिया था।

शुगर मिल को वर्ष 2023 में सरशादी लाल ग्रुप ने एक अन्य निजी कंपनी को बेच दिया था। नई कंपनी ने 2023-2024 के गन्ना सत्र का भुगतान कर दिया, लेकिन पुरानी बकाया राशि का निपटारा नहीं किया गया। इस कारण से किसानों में आक्रोश है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन और शुगर मिल प्रबंधन दोनों मिलकर उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं।

Shamli News: धरने पर बैठे किसान

करीब एक सप्ताह से सरशादी लाल शुगर मिल के परिसर में गन्ना किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द बकाया गन्ना भुगतान किया जाए। किसानों का कहना है कि प्रशासन ने कई बार उनसे बातचीत की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। पिछले कुछ दिनों में प्रशासन ने 45 करोड़ रुपये की एक किस्त किसानों के खातों में जमा कराई, लेकिन बाकी बची राशि अब तक नहीं दी गई। किसानों को आश्वासन दिया गया था कि बाकी राशि किस्तों में 10 दिनों के भीतर दे दी जाएगी, लेकिन समय बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।Shamli News

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कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश

मंगलवार को धरना स्थल से सैकड़ों की संख्या में किसान कलेक्ट्रेट में तालाबंदी करने के उद्देश्य से पहुंचे। किसानों ने कलेक्ट्रेट में घुसने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया। इससे नाराज होकर किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने स्थित पानीपत-खटीमा हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। इस जाम के कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

किसानों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों को नहीं सुना जाएगा, वे इसी तरह का आंदोलन जारी रखेंगे। Shamli News किसानों का कहना है कि वे अपने हक के लिए लड़ रहे हैं और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे।

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प्रशासन का रुख

Shamli News शामली प्रशासन का कहना है कि वे किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि शुगर मिल प्रबंधन के साथ बातचीत कर किसानों का बकाया गन्ना भुगतान जल्द से जल्द कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है, ताकि क्षेत्र में कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति न उत्पन्न हो।

प्रशासन ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि शुगर मिल प्रबंधन के साथ मिलकर उनकी समस्याओं का हल निकाला जाएगा, लेकिन किसानों का कहना है कि उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं और अब वे सिर्फ ठोस कार्रवाई चाहते हैं।

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पुलिस बल की तैनाती

किसानों के आंदोलन को देखते हुए कलेक्ट्रेट और शुगर मिल परिसर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं।

किसानों और पुलिस के बीच कई बार तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने संयम बनाए रखा। पुलिस का कहना है कि वे किसानों से बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

गन्ना किसानों की समस्याएं

गन्ना किसानों की मुख्य समस्या उनका बकाया भुगतान है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य मुद्दे हैं जो उनकी समस्याओं को बढ़ा रहे हैं। गन्ना किसानों का कहना है कि उनकी फसल की लागत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन उन्हें फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे।

किसानों का कहना है कि गन्ना उत्पादन में लागत बढ़ने के बावजूद उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिससे उनके जीवन यापन पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा, कई किसानों को उधारी पर बीज, खाद, और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदनी पड़ रही हैं, जिससे उनका कर्ज भी बढ़ता जा रहा है।

आंदोलन का भविष्य

किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि वे कलेक्ट्रेट और अन्य सरकारी संस्थानों के सामने धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे और यदि जरूरत पड़ी तो वे राज्य स्तर पर भी आंदोलन करेंगे।

गन्ना किसान संघ के नेताओं का कहना है कि वे अब प्रशासन के वादों पर विश्वास नहीं कर सकते और वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। किसानों ने यह भी कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं निकला तो वे बड़ी संख्या में लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।

शामली के गन्ना किसानों और प्रशासन के बीच चल रहा यह विवाद जल्द सुलझता हुआ नहीं दिख रहा है। किसानों की बकाया भुगतान की मांग पर प्रशासन और शुगर मिल प्रबंधन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

आगे आने वाले दिनों में यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है, अगर प्रशासन ने समय रहते इसका समाधान नहीं निकाला। किसानों की मांगें जायज हैं और प्रशासन को उन्हें गंभीरता से लेना होगा, ताकि यह विवाद जल्द सुलझ सके और किसानों को उनका हक मिल सके।

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