Sugarcane Farming: शरद कालीन गन्ने की खेती, बेहतरीन 5 किस्में, खासियत और उपज का रहस्य

गन्ना (Sugarcane) भारत की एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसका उत्पादन देश की कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गन्ने की खेती मुख्य रूप से उत्तर भारत में की जाती है, और इसकी विभिन्न किस्में किसानों को बेहतर उत्पादन देने के लिए विकसित की गई हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम शरद कालीन गन्ने की खेती के लिए कुछ बेहतरीन किस्मों की चर्चा करेंगे, उनकी विशेषताओं और उपज के बारे में जानेंगे।

Sugarcane
Sugarcane Farming

गन्ने (Sugarcane)की किस्में

1. सीओ 0238 (करण-4)

विकास और पहचान:
गन्ने की किस्म CO 0238 जिसे करण-4 भी कहा जाता है, को आईसीएआर के गन्ना प्रजनन संस्थान अनुसंधान केंद्र, करनाल और भारतीय गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयंबटूर द्वारा विकसित किया गया था। इसे वर्ष 2008 में विकसित किया गया था और 2009 में जारी किया गया। यह किस्म पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अधिसूचित की गई है।

उपज क्षमता:
इसकी उपज क्षमता 32.5 टन प्रति एकड़ है और इसकी रिकवरी दर 12 प्रतिशत से अधिक है। यह किस्म विशेष रूप से पानी की कमी और जल भराव दोनों स्थितियों में बेहतर उत्पादन देती है।

विशेषताएँ:

  • पानी की कमी में सहनशीलता
  • जल भराव में बेहतर उत्पादन
  • उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा खेती
  • पंजाब में 70% किसान इस किस्म को प्राथमिकता देते हैं

2. गन्ने की किस्म CO-0118 (करण-2)

विकास और पहचान:
गन्ने की CO-0118 या करन-2 किस्म लाल सड़न रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसे साल 2009 में जारी किया गया था। इस किस्म के गन्ने लंबे, मध्यम, मोटे और भूरे बैंगनी रंग के होते हैं।

उपज क्षमता:
CO 0118 की प्रति एकड़ उपज 31 टन है। हालांकि, रस की गुणवत्ता इससे बेहतर है, लेकिन सीओ 0238 की उपज थोड़ी कम है।

विशेषताएँ:

  • लाल सड़न रोग के प्रति प्रतिरोधी
  • प्रमुख चीनी मिलों द्वारा CO 0238 के बाद सिफारिश की जाती है
  • राजस्थान, मध्य उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए स्वीकृत

3. सीओ-0124 (करण-5)

विकास और पहचान:
गन्ने की किस्म सीओ 0124 को गन्ना प्रजनन अनुसंधान संस्थान, करनाल और गन्ना प्रजनन अनुसंधान संस्थान, कोयंबटूर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसे वर्ष 2010 में जारी किया गया था।

उपज क्षमता:
इसकी उपज क्षमता 30 टन प्रति एकड़ है और यह सिंचित अवस्था में मध्यम देर से पकने वाली किस्म है।

विशेषताएँ:

  • लाल सड़न रोग के प्रति प्रतिरोधी
  • जलभराव और जल जमाव में बेहतर उपज

4. सीओ -0237 (करण-8)

विकास और पहचान:
सीओ 0237 किस्म को गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय केंद्र करनाल द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म साल 2012 में जारी की गई थी।

उपज क्षमता:
इसकी औसत उपज 28.5 टन प्रति एकड़ है। यह एक अगेती किस्म है और जल जमाव के प्रति सहनशील है।

विशेषताएँ:

  • लाल सड़न रोग के प्रति रोगरोधी
  • हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश के लिए अनुमोदित

5. सीओ 05011 (करण-9)

विकास और पहचान:
सीओ 05011 किस्म 2012 में जारी की गई थी। यह मध्यम लंबी, मध्यम मोटी, बैंगनी रंग के साथ हरे रंग की और आकार में बेलनाकार होती है।

उपज क्षमता:
इस किस्म की औसत उपज 34 टन प्रति एकड़ है।

विशेषताएँ:

  • लाल सड़न और उकठा प्रतिरोधी
  • हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश के लिए अनुमोदित

उपसंहार

गन्ने की खेती के लिए सही किस्म का चयन किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। विभिन्न किस्मों की उपज क्षमता, रोग प्रतिरोधक क्षमता और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार किस्मों का चयन करना आवश्यक है। सीओ 0238, CO-0118, CO-0124, CO-0237, और CO-05011 जैसी किस्में किसानों को बेहतर उत्पादन और लाभ देने के लिए विकसित की गई हैं।

किसान अपनी क्षेत्रीय जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार उचित किस्म का चयन करके गन्ने की खेती से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं। शरद कालीन गन्ने की खेती के लिए ये किस्में न केवल उच्च उपज देती हैं, बल्कि उनकी विशेषताएँ किसानों को विभिन्न परिस्थितियों में सहारा भी देती हैं।

गन्ना केवल एक फसल नहीं, बल्कि यह किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा और समृद्धि का माध्यम है। इसलिए, किसानों को इन किस्मों के बारे में जानकारी रखना और उन्हें अपनी खेती में अपनाना चाहिए।

इस तरह, शरद कालीन गन्ने की खेती में बेहतरीन किस्मों का चयन करके, किसान न केवल अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं, बल्कि कृषि के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को भी छू सकते हैं।

Important Links 

Home PageClick Here
Official WebsiteClick Here

3 thoughts on “Sugarcane Farming: शरद कालीन गन्ने की खेती, बेहतरीन 5 किस्में, खासियत और उपज का रहस्य”

  1. Pingback: Cane UP – यूपी गन्ना पर्ची कैलेंडर 2024-25, ऑनलाइन देखें ?

  2. Pingback: Sugarcane News: गन्ना समिति सदस्यता की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर तक बढ़ी, पेराई सत्र 2024-25 के लिए सुनहरा अवसर - Cane Up In

  3. Pingback: Shamli News: कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश पर पुलिस ने रोका, किसानों ने धरने पर बैठकर किया जोरदार विरोध - Can

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
योगी सरकार जल्द ही गन्ने के नए समर्थन मूल्य की घोषणा करने जा रही है। गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: सरकार जल्द करेगी नए मूल्य की घोषणा गन्ने की फसल में लगे हैं ये रोग, इस तरीके से करें उपाय, यूपी के किसान की नई क्रांति, गन्ने से सिरका और गुड़ उत्पाद बनाकर तीन गुना बढ़ाई आमदनी यहाँ के किसान गन्ना फसल से क्यों बना रहे है दूरी,आओ जानते है गन्ने की खेती से मचाया तहलका, एक बीघा में 6 लाख की कमाई गन्ने की फसल को रेड रॉट से कैसे बचाएं? गन्ना किसानों के लिए आई नई वैराइटी, लाल सड़न से बचाएंगी, पैदावार होगी तगड़ी गन्ना किसानों को Modi सरकार का तोहफा, FRP में बढ़ोतरी को मंजूरी गन्ने की फसल पर कीटों का हमला, किसान चिंतित