Wheat News: किसान भाइयों, नमस्कार, आज हम बात करेंगे गेहूं की खेती की, जो हमारे देश की प्रमुख खाद्य फसलों में से एक है। गेहूं का दाल-रोटी में होना तो मानो घर में खुशहाली का आना है। लेकिन, बढ़ती आबादी और बदलते मौसम के चलते, गेहूं की खेती में पानी की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। खासकर, असिंचित क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों के लिए तो यह और भी बड़ी चुनौती है।
कम पानी में भी होगी अच्छी पैदावार (Wheat News)
अब आप सोच रहे होंगे कि कम पानी में गेहूं की अच्छी पैदावार कैसे हो सकती है? तो बता दें, हमारे देश के वैज्ञानिकों ने ऐसी कई गेहूं की किस्में विकसित की हैं, जो कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती हैं। इन किस्मों को उगाने के साथ-साथ कुछ खास तरीकों को अपनाकर आप अपनी पैदावार को और भी बढ़ा सकते हैं।
कौन सी किस्में हैं बेहतर? (Wheat News)
असिंचित क्षेत्रों के लिए कुछ बेहतरीन गेहूं की किस्में हैं, जैसे कि:
- HD 2967: यह किस्म सूखे और खारेपन को बर्दाश्त करने की क्षमता रखती है।
- DBW 39: यह किस्म रोगों के प्रति प्रतिरोधी है और कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है।
- WH 1105: यह किस्म जल्दी पकने वाली है और कम पानी की जरूरत होती है।
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कैसे करें गेहूं की खेती? (Wheat News)
असिंचित क्षेत्रों में गेहूं की खेती करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- जमीन की तैयारी: बुवाई से पहले जमीन को अच्छी तरह से जुताई कर लें। इससे जमीन में हवा और पानी का आदान-प्रदान अच्छे से होगा।
- बीज का चुनाव: हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का ही चुनाव करें।
- बुवाई का समय: बुवाई का समय मौसम के हिसाब से तय करें।
- खाद और उर्वरक: जमीन की उर्वरता बढ़ाने के लिए खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करें।
- खरपतवार नियंत्रण: खरपतवारों को समय-समय पर हटाते रहें, ताकि वे फसल को नुकसान न पहुंचाएं।
- सिंचाई: कम पानी में भी गेहूं की खेती करने के लिए ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई का इस्तेमाल करें।
कुछ मजेदार बातें (Wheat News)
- गेहूं की एक रोचक बात: क्या आप जानते हैं कि गेहूं की खेती दुनिया के सबसे पुराने कृषि कार्यों में से एक है?
- गेहूं का महत्व: गेहूं न केवल हमारा पेट भरता है, बल्कि इससे आटा, मैदा, सूजी और कई अन्य खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं।
- गेहूं की खेती में नई तकनीकें: आजकल, गेहूं की खेती में कई तरह की नई तकनीकें इस्तेमाल हो रही हैं, जैसे कि ड्रोन से खेतों की निगरानी करना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करना।
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अधिक जानकारी के लिए आप इन स्रोतों का भी उपयोग कर सकते हैं:
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद
- कृषि विश्वविद्यालय
- स्थानीय कृषि विभाग
कृपया ध्यान दें: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और यह आपके खेत की विशिष्ट परिस्थितियों पर लागू हो भी सकती है और नहीं भी।
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