गन्ने की किस्मों पर को.शा और को.लख का मतलब क्या है? जानें कोड का रहस्य

गन्ने की किस्मों में "को.शा." का अर्थ है कि संकरण का काम कोयंबटूर में और बीज को विकसित करने का काम शाहजहांपुर में हुआ है।

गन्ने के बीज को विकसित करने में 8 से 10 साल का समय लगता है।

"को.लख." का मतलब है कि संकरण का काम कोयंबटूर में और बीज को विकसित करने का काम लखनऊ में हुआ है।

"को.से." जैसी किस्मों में संकरण कोयंबटूर में और बीज विकसित करने का काम सेवरही में होता है।

इस किस्म का संकरण और बीज विकास दोनों ही उत्तर प्रदेश में हुआ, इसलिए इसका नाम अलग होता है।

 "को.पीवी." किस्मों में संकरण कोयंबटूर और बीज विकसित करने का काम पंतनगर में होता है।

 इस किस्म में संकरण और बीज विकसित करने दोनों काम कोयंबटूर में ही किए गए हैं।

गन्ने की किस्मों में संकरण और बीज विकसित करने की प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है, जिससे बेहतर उत्पादन और गुण मिलते हैं।