बीज बोने के 25-30 दिन बाद पहली सिंचाई करें। पाले के दिनों में शाम को हल्की सिंचाई करें।

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अक्टूबर के अंत तक बुवाई पूरी करें। देर से बुवाई करने पर पाले का खतरा बढ़ जाता है।

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पाले की आशंका होने पर खेत में धुआं करें या पटसन के बोरे से ढककर रखें।

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संतुलित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करें। पोटाश की उचित मात्रा पाले से सुरक्षा प्रदान करती है।

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गहरी जुताई करें और जैविक खाद का प्रयोग करें। इससे पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

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एक एकड़ में 6-7 क्विंटल बीज का प्रयोग करें। इससे घनी फसल होगी जो पाले से बचाव करेगी।

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90-110 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। समय पर कटाई से पाले के नुकसान से बचा जा सकता है।

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खेत की तैयारी, बीज उपचार और सिंचाई का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन करें।

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समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करें। स्वस्थ पौधे पाले का बेहतर सामना करते हैं।

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उचित देखभाल से एक एकड़ में 300 क्विंटल तक का उत्पादन संभव है। पाले से बचाव कर यह लक्ष्य प्राप्त करें।

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