भैंस पालने की है तैयारी? जल्दी जानें 4 खास नस्लों के नाम
भारत में भैंस पालन से किसान अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। यह कम लागत में शुरू किया जा सकने वाला व्यवसाय है।
मुर्रा भैंस काली रंग की होती है और प्रतिदिन 8-10 लीटर दूध देती है। इसके दूध में फैट की मात्रा 7-8% तक होती है।
भदावरी भैंस का दूध फैट में समृद्ध होता है। यह नस्ल उत्तर प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है और गर्मी को अच्छी तरह सहन करती है।
भैंस को संतुलित आहार देना जरूरी है, जिसमें हरा चारा, सूखा चारा और दाना शामिल हो। इससे दूध उत्पादन बढ़ता है।
भैंस के बाड़े को साफ-सुथरा रखना बहुत जरूरी है। नियमित सफाई से बीमारियों से बचाव होता है।
समय-समय पर भैंस का टीकाकरण करवाना चाहिए। इससे कई बीमारियों से बचाव होता है।
सूरती भैंस रोजाना 15 लीटर तक दूध देती है और गुजरात में बहुत प्रसिद्ध है।
जाफराबादी भैंस मध्यम आकार की होती है और कम चारे में भी अच्छा दूध देती है। यह बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता रखती है।