आलू की फसल को छू नहीं पाएगा पाला, सीखें बंपर उत्पादन की सॉलिड विधि
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अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक आलू की बुवाई पूरी कर लें। इससे पाले से फसल को बचाया जा सकता है और उत्पादन बेहतर होता है।
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एक हेक्टेयर खेत में 15-20 टन पुरानी गोबर की खाद मिलाएं। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
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प्रति हेक्टेयर 40-50 किलो नीम की खली डालें। यह कीटनाशक का काम करती है और मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाती है।
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मेड़ को 35-40 सेमी चौड़ा बनाएं। इससे आलू को पर्याप्त पोषण मिलता है और उत्पादन बढ़ता है।
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प्रति हेक्टेयर 80 किलो पोटाश और 80 किलो डीएपी का प्रयोग करें। यह आलू के विकास के लिए जरूरी है।
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बुवाई से पहले स्ट्रेप्टोसाइक्लिन या कार्बेंडाजिम से बीज का उपचार करें। यह बीमारियों से बचाव करता है।
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कोल्ड स्टोरेज से लाए गए बीज को 3-4 दिन खुली हवा में रखें। इससे बीज की गुणवत्ता बनी रहती है।
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नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई करें। ज्यादा पानी भरने से बचें क्योंकि इससे आलू सड़ सकते हैं।
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समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें। खरपतवार आलू की वृद्धि को प्रभावित करते हैं।
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फसल की नियमित निगरानी करें और किसी भी बीमारी या कीट के लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार करें।
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