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Sugarcane FRP: किसानों के लिए मीठा सौदा या खट्टी बात?

Sugarcane FRP: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने चीनी मौसम 2024-25 के लिए चीनी की 10.25 प्रतिशत वसूली दर पर की गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) ₹ 340/क्विंटल करने की मंजूरी दे दी। ये सुनकर तो किसानों के चेहरे खिल गए होंगे! लेकिन क्या वाकई ये फैसला किसानों के लिए मीठा सौदा है या फिर इसमें कोई खट्टी बात छिपी हुई है? आइए इस पर गौर करते हैं।

Sugarcane FRP क्या होता है?

FRP यानी Fair and Remunerative Price. ये वो न्यूनतम कीमत है जो सरकार गन्ने के उत्पादकों को देने का वादा करती है। मतलब, चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदने के लिए कम से कम इतनी कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी।

क्यों बढ़ाया गया FRP?

  • किसानों की आय बढ़ाना: सरकार का मुख्य मकसद किसानों की आय बढ़ाना है। बढ़ा हुआ FRP किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम दिलाने में मदद करेगा।
  • चीनी उद्योग को मजबूत बनाना: बढ़ा हुआ FRP चीनी उद्योग को भी मजबूत बनाने में मदद करेगा। इससे किसानों को गन्ना बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा और उन्हें उचित दाम मिलेंगे।

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क्या हैं इस फैसले के फायदे?

  • किसानों की आय में इजाफा: सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि किसानों की आय में इजाफा होगा।
  • चीनी उद्योग को बढ़ावा: इससे चीनी उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • किसानों का उत्साहवर्धन: इससे किसानों का उत्साहवर्धन होगा और वे गन्ने की खेती करने के लिए प्रेरित होंगे।

क्या हैं इस फैसले के नुकसान?

  • चीनी की कीमतें बढ़ सकती हैं: FRP बढ़ने से चीनी की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका असर आम लोगों पर पड़ेगा।
  • चीनी मिलों पर बोझ: बढ़ा हुआ FRP चीनी मिलों पर बोझ डाल सकता है।
  • अन्य फसलों की उपेक्षा: हो सकता है कि किसान गन्ने की खेती पर ज्यादा ध्यान देने लगें और अन्य फसलों की उपेक्षा करें।
Sugarcane FRP:
Sugarcane FRP:

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क्या ये फैसला सही है?

ये कहना मुश्किल है कि ये फैसला सही है या गलत। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इस फैसले के भी फायदे और नुकसान दोनों हैं।

  • फायदे: किसानों की आय बढ़ना, चीनी उद्योग को बढ़ावा मिलना।
  • नुकसान: चीनी की कीमतें बढ़ना, चीनी मिलों पर बोझ पड़ना।

क्या सरकार को कुछ और करना चाहिए?

सरकार को सिर्फ FRP बढ़ाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उसे चीनी उद्योग को और मजबूत बनाने के लिए भी कदम उठाने चाहिए। साथ ही, किसानों को अन्य फसलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे एक फसल पर निर्भर न रहें।

निष्कर्ष

FRP में बढ़ोतरी किसानों के लिए एक सकारात्मक कदम है, लेकिन साथ ही सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि इससे आम लोगों पर कोई बुरा असर न पड़े।

नोट: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी निवेश या निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

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