गन्ने की फसल पर कीटों का हमला, हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी चिंता,Sugarcane

गन्ने की फसल पर कीटों का हमला, हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी चिंता,Sugarcane

Sugarcane: इस साल हरियाणा के किसानों के लिए गन्ने की खेती एक चुनौती बन गई है। गन्ने पर कीटों का ऐसा हमला हुआ है कि किसान दिन-रात अपने खेतों को बचाने में लगे हुए हैं। लेकिन हालात ये हैं कि बार-बार स्प्रे करने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। ऊपर से हर स्प्रे के साथ किसानों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता जा रहा है।

Sugarcane
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किसान रामचरण का कहना है, “हमारी फसल टॉप बोरर और पोक्का बोइंग जैसे कीटों के कारण बर्बाद हो रही है। ऊपर से मिलीबग भी फसल को चट कर रहा है। बार-बार स्प्रे करने पर भी राहत नहीं मिल रही।”

स्प्रे का खर्च बना सिरदर्द (Sugarcane)

गन्ने की फसल पर कीटनाशक का छिड़काव करना कोई आसान काम नहीं है। हर बार स्प्रे पर करीब 2500 रुपये प्रति एकड़ का खर्च आता है। इसके अलावा, मजदूर भी हर एकड़ के लिए 400 रुपये लेते हैं। यानी किसान को हर स्प्रे के लिए अच्छी-खासी रकम खर्च करनी पड़ रही है।

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“गन्ना तो इतना ऊंचा हो गया है कि स्प्रे करवाना भी मुश्किल हो रहा है। मजदूर भी सही से छिड़काव नहीं कर पा रहे। ऐसे में हमारी मेहनत और पैसा, दोनों ही बर्बाद हो रहे हैं,” रामचरण ने हताशा भरे स्वर में कहा।

कीटों का कहर: क्या है समस्या? (Sugarcane)

हरियाणा के कुरुक्षेत्र और शाहाबाद इलाकों में गन्ने की फसल पर टॉप बोरर, पोक्का बोइंग और मिलीबग जैसे कीटों का भारी असर देखा गया है।

Sugarcane
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  • टॉप बोरर: यह कीड़ा गन्ने की नई बढ़ रही पत्तियों को खा जाता है, जिससे गन्ने की बढ़त रुक जाती है।
  • पोक्का बोइंग: यह फंगल बीमारी पत्तियों और गन्ने के तने को कमजोर कर देती है।
  • मिलीबग: यह कीड़ा गन्ने के रस को चूस लेता है, जिससे फसल कमजोर और सूखी दिखने लगती है।

सरकार से मुआवजे की मांग (Sugarcane)

किसानों का कहना है कि बार-बार स्प्रे करने और मजदूरों की मजदूरी चुकाने के बाद भी जब फसल की स्थिति नहीं सुधर रही है, तो उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है।“हम सरकार से निवेदन करते हैं कि एक सर्वे करवाया जाए और हमें मुआवजा दिया जाए। हमारी फसल को बचाने के लिए प्रशासन को जल्द कदम उठाने चाहिए,” रामचरण ने कहा।

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कृषि अधिकारी क्या कहते हैं? (Sugarcane)

कुरुक्षेत्र के सहायक गन्ना विकास अधिकारी बलजिंदर सिंह ने कहा, “हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। शाहाबाद में गन्ने की फसल पर टॉप बोरर और पोक्का बोइंग का असर जरूर देखा गया है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।”

किसानों के लिए सलाह (Sugarcane)

गन्ने की फसल को कीटों से बचाने के लिए विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिए हैं:

  1. समय पर स्प्रे करें: कीटों का हमला दिखते ही तुरंत प्रभावी कीटनाशक का उपयोग करें।
  2. फसल की निगरानी करें: खेत में नियमित रूप से निरीक्षण करें ताकि कीटों का पता समय रहते लग सके।
  3. जैविक उपाय अपनाएं: रसायनों की जगह जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें, जिससे लागत भी कम हो और मिट्टी को नुकसान न पहुंचे।
  4. फसल चक्र अपनाएं: एक ही फसल बार-बार उगाने से बचें, ताकि कीटों की संख्या कम हो।

थोड़ा हंसी-मजाक भी जरूरी है

किसान रामचरण कहते हैं, “भैया, ये कीड़े हमारी फसल को इस तरह खा रहे हैं जैसे बुफे में फ्री का खाना खा रहे हों!” एक और किसान ने कहा, “अगर कीड़े ऐसे ही बढ़ते रहे, तो हमें ‘कीट पालन’ शुरू करना पड़ेगा। कम से कम उसमें तो फायदा होगा!”

क्या करें किसान?

  1. तुरंत विशेषज्ञों से संपर्क करें।
  2. कीट प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
  3. जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल बढ़ाएं।
  4. सरकार से मुआवजे की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग करें।

सरकार की जिम्मेदारी

किसानों का कहना है कि सरकार को गन्ने की फसल पर हो रहे इस हमले को गंभीरता से लेना चाहिए। फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। साथ ही, फसल की बीमारियों पर रिसर्च और जागरूकता अभियान भी चलाए जाने चाहिए।

हरियाणा में गन्ने की फसल पर कीटों का हमला किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है। बार-बार कीटनाशक का छिड़काव करने और मजदूरी देने के बावजूद किसान अपनी फसल को बचाने में सफल नहीं हो पा रहे। ऐसे में सरकार और कृषि विभाग को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।

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