शेखूपुर में किसानों ने चीनी मिल के खिलाफ खोला मोर्चा, पेराई ठप-cane up.in
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cane up.in: बदायूं की शेखूपुर सहकारी चीनी मिल में बृहस्पतिवार को पेराई बंद हो गई। मिल प्रबंधन ने खराब बताकर गन्ना लेने से इनकार किया तो किसान भड़क गए। हंगामा किया और गन्ना की तौल नहीं कराई।

बदायूं के शेखूपुर में किसान सहकारी चीनी मिल में बृहस्पतिवार को किसानों ने दिनभर हंगामा किया। किसानों का आरोप है कि उनका गन्ना सूखा बताकर लेने से मना किया जा रहा है। इसी बात से नाराज होकर किसानों ने हंगामा किया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता चीनी मिल गेट पर आकर बैठ गए। तौल बंद करा दी। गन्ना न मिलने से चीनी मिल में पेराई बंद हो गई।cane up.in

बृहस्पतिवार की सुबह करीब आठ बजे दो किसानों की गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली चीनी मिल कर्मचारियों ने अंदर से वापस कर दी। बताया कि गन्ना सूखा हुआ है। इसी को लेकर किसानों में आक्रोश फैल गया। कुछ ही देर में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष भूदेव सिंह व अन्य कार्यकर्ता आ गए। इसके बाद हंगामा होने लगा। किसानों का कहना है कि पहले जिस गन्ने को लौटाया गया है वह गन्ना तोला जाए इसके बाद किसी दूसरी ट्राॅली की तौल होगी।cane up.in

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खराब गन्ना नहीं लिया जाएगा- जीएम

काफी देर तक हंगामा होने के बाद चीनी मिल के जीएम गुलशन कुमार बाहर आए और किसानों से बातचीत की। उनका कहना था कि शासन से निर्देश आए हैं कि खराब गन्ना नहीं लिया जाएगा। किसानों से कहा गया है कि जो खराब दो ट्राॅली है उसकी जांच के लिए गन्ना अधिकारी को बुलाया गया है। बाकी लोग गन्ने की तौल कराएं। लेकिन किसान राजी नहीं हुए। फैक्टरी को गन्ना न मिलने के कारण करीब 11 बजे पेराई बंद करनी पड़ी।cane up.in

किसानों की बात cane up.in

रमजानपुर के किसान निसारुद्दीन ने बताया कि बुधवार दोपहर को ट्रैक्टर ट्राॅली से गन्ना लाए थे। 70 क्विंटल गन्ना तौल होने के बाद अंदर चला गया। अंदर से गन्ना वापस भेज दिया गया। बता रहे हैं कि गन्ना सूखा हुआ है, नहीं लेंगे। कुरऊ के मुबारिक ने कहा कि 80 क्विंटल गन्ना लेकर आए थे। गन्ने से भरी ट्राली लौटा दी। बता रहे हैं कि अगोला है व पत्ती है। जबकि गन्ना ठीक है। जानबूझकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। अब गन्ना कहां लेकर जाएं।


शासन का स्पष्ट निर्देश है कि खराब गन्ना न लिया जाए। दो ट्राॅली गन्ना खराब आया है। उसे अलग खड़ा करवा दिया गया है। जिला गन्ना अधिकारी को जांच के लिए बुलाया गया है। लेकिन किसान व कुछ राजनैतिक लोग नहीं मान रहे। इनका कहना है कि पहले यही दो ट्राली गन्ना लिया जाए साथ ही लिखकर दिया जाए कि किसी भी ट्राॅली को नहीं लौटाया जाएगा। ऐसा संभव नहीं है। खराब गन्ना नहीं लिया जाएगा। किसानों को समझना चाहिए चीनी मिल उनके लिए ही चलाई जा रही है।

समाधान की जरूरत

शेखूपुर चीनी मिल में हुए इस हंगामे ने गन्ना किसानों की समस्याओं को उजागर कर दिया है। किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत और फसल की सही कीमत मिलनी चाहिए।
मिल प्रशासन और किसानों के बीच संवाद की कमी समस्या को और बढ़ा रही है।

सरकार को चाहिए कि वह गन्ना तौल और गुणवत्ता की जांच के लिए पारदर्शी नीति बनाए ताकि किसानों और प्रशासन के बीच विवाद न हो।

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