Cane Up.in: 5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने बढ़ाया गन्ने का समर्थन मूल्य

Cane up.in: 5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने बढ़ाया गन्ने का समर्थन मूल्य

Cane up.in: गन्ना किसानों के लिए इस बार खुशियों की सौगात लेकर आई है केंद्र सरकार। मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को एक बड़ा तोहफा देते हुए गन्ने का समर्थन मूल्य (FRP) बढ़ाने का फैसला लिया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (Fair and Remunerative Price – FRP) को बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। इस फैसले से लाखों गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है, और अन्नदाता की मेहनत का सही मूल्य मिलेगा।

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क्यों बढ़ा गन्ने का समर्थन मूल्य?Cane up.in

हर साल गन्ना किसानों को उनकी मेहनत के उचित मुआवजे के लिए सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य तय करती है। पिछले कुछ वर्षों से किसान समुदाय लगातार यह मांग कर रहा था कि गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी की जाए, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित लाभ मिल सके। इस साल कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने यह समझा कि बढ़ती महंगाई और खेती के बढ़ते खर्च को देखते हुए गन्ने की FRP को बढ़ाया जाना जरूरी है।Cane up.in

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क्या है नया समर्थन मूल्य?

सरकार ने 2023-24 के गन्ना सत्र के लिए FRP को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 315 रुपये कर दिया है। पिछले साल का FRP 305 रुपये प्रति क्विंटल था। अब यह वृद्धि गन्ना किसानों के लिए एक राहत लेकर आई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार हमेशा से किसानों को प्राथमिकता देती आई है और यही वजह है कि एफआरपी में यह वृद्धि की गई है।

सत्रFRP (रुपये प्रति क्विंटल)
2014-15210
2022-23305
2023-24315

FRP क्यों है जरूरी?

FRP का मतलब होता है वह न्यूनतम मूल्य, जो चीनी मिलों को किसानों को गन्ने के बदले देना होता है। इसे निर्धारित करना इसलिए जरूरी होता है ताकि किसान अपनी फसल बेचने में नुकसान न उठाएं। गन्ने का सत्र अक्टूबर से शुरू होता है और चीनी मिलें इसी FRP के आधार पर किसानों से गन्ना खरीदती हैं। इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब गन्ना किसानों को न्यूनतम 315 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य मिलेगा, चाहे बाजार में चीनी की कीमतें कुछ भी हों।Cane up.in

गन्ना किसानों के लिए यह क्यों है फायदेमंद?

गन्ना किसानों के लिए FRP में की गई बढ़ोतरी सीधे उनकी आय में इजाफा करेगी। खेती के बढ़ते खर्चे और महंगे होते संसाधनों के बीच यह 10 रुपये की बढ़ोतरी भले छोटी लगे, लेकिन इसका असर बड़ा होगा। अब किसानों को अपनी फसल बेचते वक्त यह चिंता नहीं रहेगी कि कहीं उन्हें घाटा न उठाना पड़े।Cane up.in

सरकार के इस कदम के लाभ

इस फैसले से गन्ना किसानों को कई प्रकार के लाभ होंगे। यह कदम सरकार द्वारा किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यहां कुछ मुख्य लाभ दिए जा रहे हैं:Cane up.in

  1. आर्थिक सुधार: FRP में वृद्धि से किसानों को अपनी मेहनत का सही मुआवजा मिलेगा। उनके परिवारों के जीवनस्तर में सुधार होगा और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
  2. कर्ज के बोझ में कमी: अब किसान अपनी फसल से मिलने वाले इस बढ़े हुए लाभ से कर्ज चुकाने में सक्षम हो सकेंगे। इससे उनकी मानसिक स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  3. चीनी उद्योग को भी लाभ: गन्ने का FRP बढ़ने से न सिर्फ किसानों को बल्कि चीनी उद्योग को भी लाभ होगा। बेहतर गुणवत्ता का गन्ना उगाने के लिए किसान प्रेरित होंगे, जिससे चीनी का उत्पादन भी बढ़ेगा।

इस फैसले का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

यह जानना जरूरी है कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने लगातार गन्ने के FRP में वृद्धि की है। अगर हम 2014-15 से तुलना करें तो गन्ने का समर्थन मूल्य उस समय 210 रुपये प्रति क्विंटल था। अब 2023-24 में यह बढ़कर 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। यानी पिछले दस वर्षों में सरकार ने गन्ने के समर्थन मूल्य में करीब 50% की वृद्धि की है।

क्या हैं किसानों की उम्मीदें?

किसान समुदाय इस फैसले से काफी खुश है, लेकिन उनकी उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को हर साल इस तरह की दरें बढ़ानी चाहिए ताकि वे महंगाई से जूझते हुए अपना घर-परिवार चला सकें। कुछ किसानों ने तो यहां तक कहा कि “साहब, गन्ना हमारे खेतों में जितना मीठा होता है, उतना ही हमारे खातों में भी होना चाहिए!”

कैसे उठाएं लाभ?

सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि चीनी मिलें किसानों से गन्ना खरीदते वक्त निर्धारित FRP का ही भुगतान करें। किसानों को भी अपनी फसल बेचते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें 315 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान मिले। किसी भी प्रकार की समस्या या भुगतान में गड़बड़ी होने पर किसान अपने संबंधित चीनी मिल या कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

इस फैसले का अन्य राज्यों पर प्रभाव

भारत के विभिन्न राज्यों में गन्ना किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है, और यह फैसला न सिर्फ एक राज्य बल्कि पूरे देश के गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में इस फैसले का बड़ा असर देखने को मिलेगा।

गन्ना किसानों के लिए सरकार का यह फैसला न केवल उनके लिए आर्थिक सहारा साबित होगा, बल्कि गन्ने की खेती में भी उत्साह लाएगा। किसानों की मेहनत का मीठा फल अब उन्हें सही तरीके से मिलेगा। तो भाई साहब, अब गन्ने का मीठा स्वाद केवल मुंह में ही नहीं बल्कि किसानों के बैंक खातों में भी घुलेगा!

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