पारंपरिक खेती छोड़ किसानों ने उगाया COJ 185 गन्ना, 80 लाख का मुनाफा,Cane Up.in

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Cane up.in बिहार के गया जिले के इमामगंज प्रखंड क्षेत्र के सोहेल थाना क्षेत्र के किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर अब गन्ने की खेती में कदम रखा है। नक्सल प्रभावित इस इलाके में 25 से अधिक किसानों के एक समूह ने मिलकर 80 एकड़ जमीन पर COJ 185 वैरायटी के गन्ने की खेती शुरू की है। इस गन्ने की खासियत और खेती के लाभ ने न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती के लिए प्रेरित किया है।

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पारंपरिक खेती छोड़ गन्ने की खेती क्यों? Cane up.in

इस इलाके में पहले कुर्थी और अरहर जैसी पारंपरिक फसलों की खेती होती थी, लेकिन किसानों को इसमें उतना मुनाफा नहीं हो रहा था। पिछले कुछ वर्षों से किसान अपनी खेती की विधियों में बदलाव कर रहे हैं। गन्ने की खेती के प्रति रुझान बढ़ने के पीछे कई कारण हैं:

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  1. उत्पादन में वृद्धि: पारंपरिक फसलों की तुलना में गन्ने की फसल अधिक उत्पादन और मुनाफा देती है।
  2. सुधारित वैरायटी का चयन: COJ 185 वैरायटी का गन्ना किसानों को अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता देता है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ा है।
  3. सरकारी सहयोग: गन्ना विकास विभाग द्वारा किसानों को प्रेरित और सहायता प्रदान की गई, जिससे उन्होंने बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती शुरू की।

COJ 185 वैरायटी का गन्ना: विशेषताएं और फायदे

COJ 185 वैरायटी को खासतौर पर उच्च उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इस वैरायटी के गन्ने से प्राप्त गुड़ भी उत्कृष्ट गुणवत्ता का होता है, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं। इसके कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:Cane up.in

  • उच्च उपज क्षमता: COJ 185 वैरायटी अन्य किस्मों की तुलना में अधिक उपज देती है।
  • बेहतर शर्करा सामग्री: इस वैरायटी का गन्ना शर्करा (चीनी) की मात्रा में समृद्ध होता है, जिससे इसका गुड़ और चीनी उच्च गुणवत्ता के होते हैं।
  • जलवायु अनुकूलता: यह किस्म विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में अनुकूल रूप से उगाई जा सकती है, खासकर बिहार के ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में।Cane up.in

समूह बनाकर खेती की पहल

इस इलाके के किसानों ने एक समूह बनाकर सामूहिक खेती की शुरुआत की है। इससे न केवल उनकी लागत में कमी आई है, बल्कि उन्हें गन्ने की खेती के बारे में एक-दूसरे से सीखने और सहयोग करने का अवसर भी मिला है। इस समूह में सोहेल, विराज, सुहैल, नावा, भोरहा, भोक्ताडिह, और मंझौली गांवों के किसान शामिल हैं। इस सामूहिक खेती से उन्हें निम्नलिखित लाभ मिल रहे हैं:

  • संसाधनों का साझा उपयोग: बीज, उर्वरक और सिंचाई सुविधाओं का सामूहिक उपयोग करके किसानों ने अपनी लागत कम की है।Cane up.in
  • बाजार तक बेहतर पहुंच: बड़े पैमाने पर उत्पादन करने से किसानों को अपने उत्पाद को सीधे बाजार में बेचने का अवसर मिल रहा है, जिससे बिचौलियों पर निर्भरता कम हो गई है।Cane up.in
  • ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान: सामूहिक खेती से किसान एक-दूसरे से अपनी खेती के अनुभव साझा कर सकते हैं, जिससे सभी को बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।Cane up.in

गन्ना उत्पादन से संभावित मुनाफा

किसानों के अनुसार, गन्ने की खेती से 80 एकड़ जमीन पर लगभग 80 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा होने की संभावना है। हालांकि, यह तभी संभव है जब गन्ने के पेराई के लिए बड़ी यूनिट लगाई जाए। वर्तमान में किसानों को इस संबंध में सरकार से सहयोग की आवश्यकता है। बिना बड़ी यूनिट के, मुनाफा केवल 35-40 लाख रुपये तक सीमित रह सकता है।Cane up.in

मुनाफे की संभावनाएं (एक एकड़ में)

गन्ना की खेतीप्रति एकड़ मुनाफा (बड़ी यूनिट के साथ)प्रति एकड़ मुनाफा (बिना बड़ी यूनिट)
गन्ना उत्पादन₹1,00,000+₹40,000-₹50,000

इस तालिका से स्पष्ट है कि बड़ी यूनिट लगने पर मुनाफा काफी अधिक हो सकता है। यह भी दर्शाता है कि सरकार द्वारा समर्थन से किसानों को काफी आर्थिक लाभ हो सकता है।

सरकारी सहयोग और यूनिट की आवश्यकता

किसानों ने गन्ना विभाग से बड़ी पेराई यूनिट लगाने की मांग की है, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा हो सके। हालांकि विभाग ने यूनिट लगाने का आश्वासन दिया है, लेकिन इसके बिना किसानों को अधिक लाभ नहीं हो पाएगा। यूनिट लगने से न केवल मुनाफा बढ़ेगा, बल्कि किसानों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।Cane up.in

बड़ी यूनिट से निम्नलिखित फायदे होंगे:

  • उत्पादन क्षमता में वृद्धि: अधिक गन्ने की पेराई से किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा।
  • बेहतर गुड़ और चीनी उत्पादन: बड़ी यूनिट से गुड़ और चीनी का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।Cane up.in
  • रोजगार के अवसर: बड़ी यूनिट लगने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को भी फायदा होगा।

किसानों के अनुभव और चुनौतियां

गन्ने की खेती शुरू करने से पहले किसानों ने कई चुनौतियों का सामना किया। जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण इन खेतों में पहले पत्थर और झाड़ियाँ थीं। इन जमीनों को उपजाऊ बनाने के लिए काफी मेहनत की गई। लेकिन किसानों की मेहनत और साहस ने उन्हें सफल बनाया है। उन्होंने बताया कि पिछले 15-20 वर्षों में इस इलाके में छोटे स्तर पर गन्ने की खेती होती थी, लेकिन ज्यादा मुनाफा न होने के कारण इसे बंद कर दिया गया था।

किसानों के अनुभव:

  1. प्रेरणा और सहयोग: गन्ना विभाग और स्थानीय अधिकारियों ने किसानों को सहयोग देकर उन्हें गन्ने की खेती के लिए प्रेरित किया।
  2. नई तकनीक का उपयोग: पारंपरिक खेती को छोड़कर किसानों ने नई तकनीकों और बेहतर किस्मों का उपयोग किया, जिससे उनकी पैदावार और मुनाफा दोनों बढ़े।

चुनौतियां:

  1. जंगल और पहाड़: इलाका पहाड़ी होने के कारण खेती के लिए कठिनाई थी, लेकिन किसानों ने मिलकर इन बाधाओं को पार किया।
  2. बड़ी यूनिट की कमी: यदि सरकार से बड़ी यूनिट लगाने की मदद नहीं मिलती है, तो किसानों को उम्मीद के अनुसार मुनाफा नहीं हो पाएगा।

निष्कर्ष

गन्ने की खेती ने इस क्षेत्र के किसानों को नई उम्मीदें दी हैं। पारंपरिक खेती से कम मुनाफा मिलने के बाद किसानों ने सामूहिक रूप से गन्ने की खेती शुरू की और COJ 185 वैरायटी का चयन किया। सरकारी सहयोग और यूनिट लगने की स्थिति में उन्हें और भी अधिक मुनाफा होगा। इस पहल ने न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि इस इलाके में कृषि को नए सिरे से परिभाषित किया है। भविष्य में, गन्ने की खेती से यह क्षेत्र और भी विकसित हो सकता है, और यहां के किसानों का जीवन स्तर बेहतर हो सकता है।

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