Cane up.in अंबेडकरनगर जिले के गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। आखिरकार, इस साल के बहुप्रतीक्षित गन्ना पेराई सत्र की घोषणा हो चुकी है। भई, गन्ना किसानों के लिए ये किसी त्योहार से कम नहीं! 15 नवंबर के बाद अकबरपुर चीनी मिल में पेराई का सत्र शुरू हो जाएगा, जिससे लगभग 48 हजार किसानों को सीधा फायदा होगा। और हां, इस बार किसानों की सहूलियत के लिए 37 क्रय केंद्र भी बनाए जा रहे हैं, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत न हो।
छोटे किसानों के लिए विशेष प्रबंध Cane up.in
इस साल एक खास बात यह है कि लगभग 6,000 छोटे किसानों को समय पर पर्ची देने की तैयारी कर ली गई है। सोचिए, किसान भाई अब चैन से गन्ना बेच सकेंगे और पर्ची के चक्कर में दौड़ना नहीं पड़ेगा!
जिला गन्ना समिति कार्यालय के अनुसार, छोटे किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि वे अपनी फसल को समय पर बेच सकें। वैसे भी छोटे किसानों की फसल कभी-कभी पर्ची न मिलने के कारण क्रेशर पर चली जाती है। इस बार 72 कुंतल से कम बेसिक कोटा वाले किसानों को चीनी मिल शुरू होने के 45 दिन के अंदर पर्ची मिल जाएगी।Cane up.in
विषय | विवरण |
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पेराई सत्र की शुरुआत | 15 नवंबर के बाद अकबरपुर चीनी मिल में पेराई सत्र शुरू |
क्रय केंद्रों की संख्या | जिले में 37 क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे |
छोटे किसानों के लिए विशेष व्यवस्था | 6,000 छोटे किसानों को समय पर पर्ची देने की तैयारी |
पर्ची का वितरण | किसानों को SMS के जरिए पर्ची मिलेगी |
साफ-सफाई और तैयारियां | चीनी मिल परिसर में पेराई सत्र के लिए सफाई और अन्य तैयारियां |
क्या है गन्ना पेराई की तैयारी?
चीनी मिल परिसर में पेराई सत्र के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। साफ-सफाई के साथ-साथ मिल को भी पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है। प्रशासन ने गन्ना समिति के कार्यालय से किसानों को आश्वासन दिया है कि पर्ची वितरण इस बार पूरी तरह से डिजिटल तरीके से होगा। पिछले साल की तरह, इस बार भी किसानों को पर्ची की चिंता छोड़कर सिर्फ गन्ना बेचने पर ध्यान देना है।Cane up.in
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क्यों खास है इस बार का पेराई सत्र?
यह सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार चीनी मिल का लक्ष्य है कि सभी किसानों का गन्ना खरीदा जाएगा और पेराई तभी बंद होगी जब आखिरी किसान का गन्ना खरीदा जा चुका होगा। किसानों के लिए यह खबर किसी संजीवनी से कम नहीं है। पिछली बार की तुलना में, इस बार पेराई का आयोजन बड़े स्तर पर किया जा रहा है, ताकि किसानों को ज्यादा सहूलियत मिल सके।
गन्ना क्रय केंद्र किसानों की सहूलियत का नया तरीका
इस साल जिले में कुल 37 गन्ना क्रय केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें गेट भी शामिल हैं। इसका मतलब है कि किसानों को गन्ना बेचने के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी। हर जगह पर गन्ना क्रय केंद्र उपलब्ध होंगे, जिससे किसानों को अपने नजदीकी केंद्र पर गन्ना बेचने की सहूलियत होगी।Cane up.in
पिछले साल से मिले सबक इस बार की तैयारी में सुधार
पिछले साल कुछ किसानों को समय पर पर्ची नहीं मिलने की समस्या का सामना करना पड़ा था, जिससे कुछ किसानों की फसल क्रेशर पर चली गई थी। इस साल, प्रशासन ने इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पर्ची वितरण प्रणाली को पहले से बेहतर बनाने की कोशिश की है। इस बार की प्रक्रिया पहले से अधिक व्यवस्थित और तकनीकी तौर पर मजबूत है, ताकि किसानों को समय पर पर्ची और भुगतान मिले।Cane up.in
किसानों को मिल रहा नया आत्मविश्वास
इस नई व्यवस्था से किसानों में आत्मविश्वास बढ़ा है। अब वे बिना किसी चिंता के अपने गन्ने को बेच सकेंगे और समय पर भुगतान की उम्मीद रख सकेंगे। यह सरकार और प्रशासन की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो किसानों के हित में काम कर रही है।
गन्ने की मिठास आर्थिक सशक्तिकरण का स्रोत
गन्ना किसानों के लिए यह पेराई सत्र एक नए अवसर का द्वार खोलता है। गन्ना बेचकर उन्हें अच्छी आमदनी मिलती है, जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। इस बार किसानों के चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिल रही है। उन्हें विश्वास है कि इस बार का पेराई सत्र उनकी आर्थिक स्थिति को और भी बेहतर बनाएगा।Cane up.in
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