Cane up: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए एक बार फिर से खुशखबरी लेकर आई है गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति, जो पेराई सत्र 2024-25 के लिए जारी कर दी गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और गन्ना किसानों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए, इस नीति को बड़े ही सटीक ढंग से तैयार किया गया है। इसमें किसानों और चीनी मिलों के बीच तालमेल बिठाने पर खास जोर दिया गया है।
किसानों के लिए नई राह (Cane up)
गन्ना सट्टा नीति इस बार कुछ नए बदलावों के साथ आई है। पहली बार, गन्ना समिति के नए किसान सदस्यों को गन्ना सट्टा का लाभ मिलेगा। इसमें पेराई सत्र 2023-24 के दौरान संबंधित चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति या जिले की गन्ना उत्पादकता का 65% (जो भी ज्यादा हो), लागू किया गया है। मतलब, नए किसान भाइयों के लिए अब “गन्ना बोना मतलब सट्टा जीतना” का नया मुहावरा बन सकता है!
गन्ना आपूर्ति पर खास ध्यान (Cane up)
गन्ना किसानों को पर्चियां समय पर उपलब्ध हों, इस पर जोर दिया गया है। अगर इस बार कोई चीनी मिल पर्ची देने में ढिलाई करे, तो किसान भाई सीधे कह सकते हैं, “पर्ची में लाले? हम देंगे हाले!” मजाक एक तरफ, लेकिन पर्ची की समय पर उपलब्धता से किसानों को उनकी मेहनत का सही समय पर फल मिलेगा।
बैठक में क्या हुआ? (Cane up)
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में चीनी मिलों की पेराई क्षमता और गन्ना उत्पादन के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है। इसे इस नीति में शामिल किया गया है ताकि:
- चीनी मिलों को उनकी जरूरत के अनुसार गन्ना मिल सके।
- किसानों का पेराई योग्य सारा गन्ना बेकार न जाए।
अब सवाल यह है कि संतुलन कैसे बनेगा? इसका हल चीनी मिलों और किसानों के बीच बेहतर समन्वय से निकाला जाएगा।
बदलाव जो किसानों के लिए अहम हैं (Cane up)
- गन्ना आपूर्ति में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए चीनी मिलों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
- पहले आओ, पहले पेराई की नीति को लागू किया गया है।
यह सुनने में तो अच्छा लगता है, पर हकीकत में अगर किसी चीनी मिल ने पहले गन्ना न पेरा तो किसानों के पास अब एक और हथियार है – सोशल मीडिया! “मिल से शिकायत करो, और फेसबुक पर पोस्ट करो!”
किसान हित के फैसले (Cane up)
इस बार की नीति में किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। पहली बार सट्टा का लाभ नए किसानों को मिलना यह दर्शाता है कि सरकार छोटे और नए किसानों को भी तरजीह दे रही है। इसके अलावा, चीनी मिलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि गन्ना पेराई प्रक्रिया में किसी भी तरह की देरी न हो।
सरकार की योजना (Cane up)
सरकार ने गन्ना किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इस नीति के माध्यम से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सिर्फ वादे नहीं कर रही, बल्कि उन्हें हकीकत में बदलने के लिए काम भी कर रही है।
किसानों की प्रतिक्रिया
कुछ किसानों ने इस नीति का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनके लिए “मीठा सपना” है, जो सच हो सकता है। हालांकि, कुछ ने चिंता जताई कि इस बार भी पर्ची वितरण में देरी हुई तो “किसानों का गन्ना चीनी मिलों के लिए नहीं, बल्कि जानवरों के लिए होगा।”
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