Budaun News: गन्ना किसानों के लिए यह खबर किसी मिठाई से कम नहीं है! बिसौली की यदु शुगर मिल ने आखिरकार गत पेराई सत्र का बकाया भुगतान कर दिया है। किसानों के चेहरे पर खुशी इस तरह खिल उठी है जैसे पहली बारिश के बाद खेतों में हरियाली।
कैसे हुई यह खुशखबरी संभव? (Budaun News)
सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता और बिल्सी विधायक हरीश शाक्य ने लखनऊ में गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी से मुलाकात की। इस मुलाकात में विधायकों ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। मंत्री जी ने बात को गंभीरता से लिया और तुरंत यदु शुगर मिल को निर्देश जारी कर दिए।
कितना भुगतान हुआ? (Budaun News)
यदु शुगर मिल के प्रबंधन अधिकारी एडवोकेट संदीप मिश्र ने बताया कि शुक्रवार को करीब 11 करोड़ रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए।
किसानों के खाते में पैसे आने का सिलसिला चालू हो गया है। अब सोचिए, वो पल कितना सुखद होगा जब किसान अपने मोबाइल पर SMS चेक करेंगे, और बैलेंस देखकर मन ही मन कहेंगे, “वाह! मिल वालों का दिल आज शुगर से भी मीठा हो गया।”
किसानों की खुशी का हाल (Budaun News)
गन्ना किसान इस खबर से इतने खुश हैं कि अब वो सिर्फ गन्ने की मिठास ही नहीं, जिंदगी की मिठास भी महसूस कर रहे हैं। गांव के चौपालों पर चर्चा हो रही है कि आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई।
वर्तमान सत्र का भुगतान कब होगा? (Budaun News)
यदु शुगर मिल के अधिकारी ने यह भी आश्वासन दिया है कि वर्तमान पेराई सत्र का भुगतान भी जल्द से जल्द किया जाएगा।
अब किसान यह सोचकर खुश हो रहे हैं कि शायद अगली बार उन्हें अपनी मेहनत की फसल का पैसा समय पर मिल जाए। उम्मीद है कि इस बार भुगतान की प्रक्रिया “शुगर मिल” नहीं, बल्कि “सुपरफास्ट मिल” की तरह होगी।
सरकार और विधायकों की पहल की तारीफ
किसानों ने सदर और बिल्सी विधायकों के प्रयासों की जमकर तारीफ की। यह देखकर एक बात तो साफ है कि जब नेता सही मायने में काम करते हैं, तो जनता उन्हें दिल से धन्यवाद देती है।
गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी का आदेश और विधायकों का समर्थन इस बात का संकेत है कि किसानों की आवाज सरकार तक सही तरीके से पहुंचाई जाए, तो समाधान जरूर निकलता है।
अंत में
बिसौली की यदु शुगर मिल ने किसानों का बकाया भुगतान कर एक बड़ा कदम उठाया है। इससे किसानों का भरोसा मजबूत हुआ है और गन्ना उत्पादन में उनकी मेहनत को सम्मान मिला है।
किसानों का यह कहना है कि, “अब अगर मिल वाले ऐसे ही समय पर पैसे देते रहे, तो हम अपनी फसल और जोश के साथ तैयार करेंगे।”
तो, अगली बार जब आप गन्ने का जूस पीने जाएं, तो याद रखिएगा कि इसमें सिर्फ गन्ने की मिठास ही नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत और मिल प्रबंधन की ईमानदारी भी घुली हुई है
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