गन्ने की फसल में लगे हैं ये रोग, इस तरीके से करें उपाय,

सितंबर माह में गन्ने की फसल पर सफेद मक्खी का आक्रमण बढ़ जाता है, जो फसल के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

सफेद मक्खी गन्ने की पत्तियों की निचली सतह पर अंडे देती है, जिससे शिशु मक्खियाँ निकलकर पत्तियों का रस चूसना शुरू करती हैं।

सफेद मक्खी के प्रभाव से गन्ने की पत्तियाँ काली पड़ने लगती हैं, जिससे पौधे की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है।

मक्खियों के आक्रमण से पौधे पर फंगस का विकास होता है, जो पौधे की वृद्धि को धीमा कर देता है और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को बाधित करता है।

सफेद मक्खी के आक्रमण से गन्ने के पौधों का रंग धीरे-धीरे पीला होने लगता है, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं।

सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए किसानों को 200 मिली इमिडाक्लोप्रिड कीटनाशक को 625 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए।

किसानों को एक महीने के अंतराल पर पुनः इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करना चाहिए, ताकि सफेद मक्खी का पूरी तरह से नियंत्रण हो सके।

किसानों को सफेद मक्खी के लक्षण दिखने पर तुरंत उपाय करने चाहिए, ताकि फसल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और बेहतर उत्पादन प्राप्त हो।