Cane up: भाकियू अमन संधू गुट द्वारा उठाए गए मुद्दे भारतीय कृषि क्षेत्र में व्याप्त गंभीर समस्याओं को उजागर करते हैं। गन्ना किसानों द्वारा सामना किए जा रहे मुद्दे, जैसे कि बकाया भुगतान, खाद की उपलब्धता, गन्ना पत्ती जलाने पर प्रतिबंध और बढ़ती लागत, किसानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर रहे हैं और उन्हें खेती से दूर कर रहे हैं।
किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान समेत अन्य समस्याओं को लेकर भाकियू अमन संधू गुट ने गन्ना आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर निराकरण कराने की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन अमन संधू के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमनदीप सिंह संधू ने कहा है कि किसानों का गत वर्ष व वर्तमान सत्र का बकाया गन्ना भुगतान न होने के कारण गन्ना किसान विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। जिनका तत्काल भुगतान कराया जाये। सहकारी गन्ना विकास समिति किसानों को खाद उपलब्ध कराती है। जिसका पैसा चीनी मिल पर बकाया धनराशि में काट लिया जाता है।
जबकि चीनी मिल समय से भुगतान नहीं कर रही हैं। जिससे किसान को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। चीनी मिल को गन्ना सप्लाई करने में किसानों को सात से 8 हजार नगद मजदूरी और डीजल में खर्च करना पड़ता है। जिससे किसान चीनी मिल को गन्ना सप्लाई करने में भी और कर्जदार हो रहे हैं। दूसरी तरफ गन्ना पत्ती जलने पर रोक लगाई गई है जबकि गन्ने की पत्ती अत्यंत ज्वलनशील होती है जो धुआं और प्रदूषण नहीं करती गन्ना पत्ती जलाने से रोक हटाई जाए। इसलिए गन्ने की खेती से किसान दूरी बनाते जा रहे हैं इसलिए महंगाई को देखते हुए गन्ना मूल्य कम से कम 5 सौ रूपये प्रति कुंतल घोषित किया जाए।
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मुख्य समस्याएं और उनके कारण: Cane up
- बकाया भुगतान: चीनी मिलों द्वारा किसानों को बकाया भुगतान न करना किसानों की आय पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। इससे किसानों को अन्य कृषि गतिविधियों के लिए आवश्यक धनराशि जुटाने में कठिनाई हो रही है।
- खाद की उपलब्धता: सहकारी गन्ना विकास समिति द्वारा किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाना एक सकारात्मक पहल है, लेकिन चीनी मिलों द्वारा बकाया भुगतान न करने के कारण खाद का पैसा काट लिया जाता है। इससे किसानों को खाद खरीदने में कठिनाई होती है और फसल उत्पादन प्रभावित होता है।
- गन्ना पत्ती जलाने पर प्रतिबंध: गन्ना पत्ती जलाने पर प्रतिबंध से प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है, लेकिन किसानों के लिए यह एक समस्या बन गई है क्योंकि गन्ना पत्ती अत्यंत ज्वलनशील होती है और इसे निपटाने के लिए वैकल्पिक तरीके नहीं हैं।
- बढ़ती लागत: गन्ने की खेती की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है। मजदूरी की दरें बढ़ रही हैं, डीजल के दाम बढ़ रहे हैं और गन्ना छिलाई के लिए मजदूर भी कम मिल रहे हैं। इससे किसानों की आय कम हो रही है और वे खेती से दूर जा रहे हैं।
- गन्ना मूल्य: गन्ना मूल्य में वृद्धि न होने से किसानों को अपनी लागत निकालने में कठिनाई हो रही है और उन्हें घाटा उठाना पड़ रहा है।
समाधान के सुझाव: Cane up
- बकाया भुगतान सुनिश्चित करना: सरकार को चीनी मिलों पर दबाव डालना चाहिए कि वे किसानों को समय पर और पूर्ण भुगतान करें। इसके लिए कड़े कानून बनाए जा सकते हैं और नियमित निरीक्षण किया जा सकता है।
- खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना: सरकार को किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके लिए सहकारी समितियों को मजबूत किया जा सकता है और किसानों को सब्सिडी दी जा सकती है।
- गन्ना पत्ती निपटान के लिए वैकल्पिक तरीके: गन्ना पत्ती को जलाने के बजाय, किसानों को गन्ना पत्ती से खाद, जैव ईंधन या अन्य उपयोगी उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सरकार को किसानों को इसके लिए प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती है।
- लागत कम करने के उपाय: सरकार को किसानों को बीज, खाद और सिंचाई के लिए सब्सिडी देकर उनकी लागत कम कर सकती है। इसके अलावा, सरकार को किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण और तकनीकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
- गन्ना मूल्य में वृद्धि: सरकार को गन्ना मूल्य में वृद्धि करके किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए। इससे किसानों को खेती में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- किसानों को संगठित करना: किसानों को संगठित करके उनकी बात को सरकार तक पहुंचाया जा सकता है और उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।
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कुलवंत सिंह caneup.tech वेबसाइट के संपादक (Editor) के साथ लेखक भी हैं, जहाँ वे, सरकारी योजना, गन्ना किसान , आदि से सम्बंधित लेख लिखते हैं। कुलवंत सिंह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इन्हें इस क्षेत्र में 3 साल से अधिक का अनुभव है। वे मुरादाबाद से स्नातक की पढ़ाई पूरी की हैं। वे अपने अनुभव से caneup.tech पर लिखे गए सभी पोस्ट का संपादन के साथ लेख भी लिखते है.